Fake subscribers business : call centers



एक आईटी प्रोफेशनल होने के नाते मेरा एक्सपीरियंस technology  के काफी अलग अलग सर्विसेज में रहा हैं, चाहे वो call centers की कालिंग हो, चाहे वेबसाइट डेवलपमेंट और  अब डिजिटल मार्केटिंग। 

डिजिटल marketing  में आये मुझे ज्यादा टाइम नहीं हुआ but इतना फिर भी  समझ आ गया हैं की जहाँ dunia अपने इनकम सोर्स बढ़ाने के लिए क्वालिटी एक्सपेरिमेंट्स में believe करती hain , wahin  इंडियंस नए नए शॉर्टकट्स so called jugad ढूंढते हैं इनकम सोर्सेज के लिए।(i am not saying this with any proud) और एक बहुत बड़ा example हैं फेक सब्सक्राइबर्स एंड फोल्लोवेर्स का बिज़नेस।

एक बहुत दुःख की बात हैं की aajkal  हमारे celebrities किसी को भी फॉलो करने लगते हैं,  कुछ पैसों के लिए लिए कुछ फन के लिए कुछ लोग कहेंगे  ये उनकी पर्सनल चोइसस हैं तो उसे पर्सनल रखे, न की publicly दिखाए।या फिर उनके दिमाग में होता हैं की  वो सिर्फ फेक followers के सहारे ही सेलिब्रिटी बने  हैं जिसकी वजह से वो परवाह नहीं  करते की उनकी फोल्लोविंग लिस्ट देख कर उनके फोल्लोवेर्स पर क्या असर होगा।  

एक साइकिल सा बन गया हैं इन फेक सब्सक्राइबर्स , पेड सब्सक्राइबर्स और फोल्लोवेर्स ka. सेलिब्रिटीज फेक ids  बनवा कर फोल्लौएर्स एंड सब्सक्राइबर्स बड़वाते हैं, या ऐसे लोगो को follow करते हैं जो उन्हें pay करते हैं, , चाहे वो इस काबिल हो या न ho । छोटे ब्रांड्स उनके फोल्लोवेर्स की लिस्ट या blueticks  देख कर अपना प्रोडक्ट मार्किट करने को देते hain और बाद में प्रोडक्ट की सेल्स न होने पर निराश हो जाते हैं. और इस ट्रैप में आते हैं सिर्फ  नई स्टार्टअप्स और छोटे ब्रांड्स ही  क्योंकि बड़े ब्रांड्स तो समझ  जाते हैं की कौन असली सेलिब्रिटी हैं और किसकी बात लोग सुनते हैं. 

और wo छोटे ब्रांड्स जो इन फेक सब्सवकरीबेरस के झांसे में आ जाते हैं वो अपने प्रोडक्ट्स की आधी कीमत भी नहीं निकल पते और हताश हो जाते hain. 

किसी को भी फॉलो या सब्सक्राइब करने से पहले उनका प्रोफाइल एंड content जरूर चेक करे , न की उनकी सब्सक्राइबर और फोल्लोवेर लिस्ट  

ये पहलू हुआ उन छोटे ब्रांड्स का अब दूसरा पहलू उन बच्चों का जो दिन रात फेसबुक , watsapp  और ऐसे कितने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर "increase followers" "sub to sub " जैसे so called business चला कर अपने आप को डम्ब बना रहे हैं जैसे किसी ज़माने में कॉलसेंटर बनाते थे. 

सब की बात नहीं कर रहे लेकिन 90 %  ये ही हो रहा hain . 

hazaron ऐसे ग्रुप्स बने हुए हैं और दिन रात बच्चे ये ही कोशिस कर रहे हैं की कोई उनका चैनल सब्सक्राइब कर ले और वो उनका। कुछ तो ऐसे हैं जो थोड़े दिनों बाद वो चैनलunsubscribe  कर देते हैं क्यों की वो कंटेंट उन्हें पसंद ही नहीं आता और अपना पूरा टाइम इसी सर्कस में टाइम  करते हैं सब्सक्राइब और unsubscribe। 

अगर आप यूट्यूब पर जाये तो ज्यादातर engineers  hi videos बना रहे हैं., आजकल कुछ ips , ias भी अपने वीडियोस शुरू किये हैं पर शुरुआत engineers  ने ही की हैं चाहे वो political satarist हो, कॉमेडी हो , webseries हो

और इसी श्रंखला में एक नयी चीज़ जो आजकल यूट्यूब  बहुत फेमस हो रहा हैं wo हैं "vlogs". 

हमारे यूटुबेरस ने व्लॉगस का मतलब ही badal diya. एंड प्रॉब्लम ये हैं उनके jyada tar  फेक सब्सक्राइबर्स देख कर हर कोई व्लॉगिंग करने लगा  hain एंड ट्रस्ट me उनमें और टीवी के सेरिअल्स में कोई फ़र्क़ नहीं लगता जिनकी बुराई करके ही youtube को itni audience मिली hain।

और इसी का तीसरा पहलू हैं कूछ लोग फेक ids बनाते हैं क्योकि वो अपनी बात डायरेक्ट दुनिआ के सामने नहीं रख पते जैसे ghost witers।

प्रॉब्लम उन फेक ids से  हैं जो किसी particular सेलिब्रिटी को फॉलो करने के लिए बनाये जाते हैं हैं, हालाँकि कुछ टाइम के बाद यूट्यूब जैसी कम्पनीज ऐसे ids  को ड्राप कर देते हैं पर फिर भी ये बढ़ता ही जा रहा हैं ।


At the एन्ड ये फेक सब्सक्राइबर्स का बिज़नेस न सिर्फ busineess बल्कि students और जोभी part time जॉब करना चाहता हैं उन्हें गलत डायरेक्शन में ले जा रहा हैं। 

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