क्यों लड़कियों को हमेशा एक्स्ट्रा एफ्फोर्ट्स डालते पड़ते हैं खुद की पहचान बनाने के लिए । आप लोग कहेंगे वही पुराना टॉपिक लेकर आ गये, क्योंकि हमारे मेल्स या society को ये बात समझ नहीं आ सकती(चाहे वो किसी भी position पर pahunch जाएं) कि आज भी लड़कियों को एक्स्ट्रा efforts दिखाने पड़ते हैं रोज़ अपने आपको कॉंफिडेंट दिखने लिए ,par ये efforts unhe जो की उन्हें कॉंफिडेंट नहीं proud या डम्ब बना रहा हैं ।
आज हम बात करेंगे उन एक्स्ट्रा efforts पर जो लड़कियां रोज़ दिखती हैं अपनी डेली रूटीन में खुद को कॉंफिडेंट साबित करने के लिए ।
औरत औरत की दुश्मन होती हैं
कुछ मार्केटिंग companies ने अपने प्रोडक्ट्स को बेचने के लिए, इस स्लोगन को इतना स्मार्टली यूज़ किया कि अगर आज कोई लड़की अगर किसी दूसरी लड़की की ड्रेस या मेकअप इवन घर देख कर जले ना तो उन्हें लगता ही नहीं की वो confident हैं ।
Kya marry Kom , P .V . Sindhu के मन में भी ये ही विचार आते होंगे ?
इस जलन में कुछ लड़कियां अपने आपको कॉंफिडेंट बनाने लिए ऐसे shortcuts अपना लेती हैं जिसका हर्ज़ाना उन्हें सारी उम्र भरना पड़ता हैं । इस तरह का competition सिर्फ लड़कियों में नेगटिव इमोशंस भर रहा हैं हैं जैसे jealously , proud above all overconfidence.
तारीफ से खुश होकर अकड़ जाना और हवा में आ जाना
"हम" , बहुत states की लड़किया जब भी अपने बारें में बात करती हैं तो "मैं" की जगह "हम" में बात करती हैं कुछ लोग इसे भगवान जी से अल्लाह के साथ relate करते हैं , पर वो तो हर समय हर जगह हैं तो उन्हें स्पेशल मेंशन करना,समझ नहीं आता।
असल में उनको बचपन से समझा दिया जाता हैं की वो अकेली कुछ नहीं कर सकती इसलिए उनके ब्रेन में ये बात डाल दी जाती हैं उन्हे हर वक़्त किसी न किसी के साथ की जरूरत पड़ेगी, अब आदमियों के पास कहाँ इतना टाइम की वो हर जगह उस लड़की के साथ रहे और अकेला छोड़ दिया तो उनकी अहमियत कम हो जाएगी तो भगवान जी , या अल्लाह या ऑलमाइटी के नाम पर उन्हें हम बोलना सिखा दिया जाता हैं, पर अफ़सोस, लड़कियों ने इसे अपनी अकड़ बना लिया हैं । चाहे वो इस kabil हो या नहीं पर इस "हम" शब्द ने उनके अंदर इतना झूठा अहंकार भर दिया हैं , की कोई भी उनकी थोड़ी सी तारीफ कर दे वो उसे अपना gulam समझने लगती हैं । और जब वो अहंकार टूटता हैं तो वो लाइफ को लेकर और negative हो जाती हैं किसका कसूर हैं??
हर प्रोफेशन की लड़की का glamorous dikhna ।
क्यों हर प्रोफेशन की लड़की को glamorous होना जरूरी हैं? बहुत पुराना topic हैं सो ज्यादा में बात नहीं करेंगे और न ही किसी का नाम लेकर उसे और पब्लिसिटी देंगे या उसका गूगल सर्च बढ़ाएंगे , पर एक प्रोफेसर अगर अपने subject में अच्छी हैं
तो उसे अटेंशन लेने के लिए glamorous होने की जरूरत नहीं , वैसे भी पर्सनल
चोइसस के नाम पर कोई कुछ भी कर रहा हैं ।
फेक प्रोफेशनल्स से सावधान रहे डिजिटल दुनिआ में भी, ब्लू टिक नहीं उनका कंटेंट देखे।
रियल प्रोफेशनल्स चाहे वो डॉक्टर हो, प्रोफेसर हो, लॉयर्स हो वो जानते हैं उनके स्किल्स मॉडल्स के स्किल्स से डिफरेंट हैं ।
स्ट्रांग बनने चक्कर में over responsible होना
बहुत आम बात हो गयी हैं हर बात पर शिकायत करना और ज़िम्मेदारी छोड़ देना, लड़किया क्या लड़के भी आजकल शिकायत या बहाने बना कर बच निकलते हैं but wait a minute , लड़कियां तो ये ही प्रूफ करने पर लगी हैं ना की वो बहुत ज्यादा ज़िम्मेदार हैं और वो कोई भी काम करने में सक्षम हैं। पर ये प्रूफ करने चक्कर में वो लड़की होने के बावज़ूद उन्हें कुछ ऐसे steps उठा लेती हैं अपने मेल पार्टनर्स के लिए जिसकी वजह से वो khud तकलीफ में आ जाती हैं।
रिश्ते में सैक्रिफाइस करना तभी सही हैं अगर वो रिश्ता बन रहा हो
कुछ पॉइंट्स हैं जो हम डेली बेसिस पर अपने साथ वाली लड़कियों में देखते हैं । वो तो कुछ बोल नहीं सकती क्योंकि शायद उनको अहसास ही नहीं की ये गलत हो रहा हैं या सही, पर किसी एक लड़की को भी इस आर्टिकल से ये समझ आ जाये की कहाँ स्टॉप होना हैं हर रिश्ते में , ताकि वो नेगेटिव न हो , तो मैं इस तरह के आर्टिकल्स लिखती रहूंगी ।
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